परमाणु हमले की धमकी पर अमेरिका हुआ गरम, एक और युद्धपोत किया तैनावाशिंगटन. गाजा और इजराइल के बीच फायरिंग दोबारा शुरू हो गई है तो कोरिया प्रायद्वीप में बढ़ते तनाव के बाद अमेरिका ने एशिया पैसेफिक क्षेत्र में अपना एक और युद्धपोत तैनात किया है। अमेरिकी अधिकरियों ने मंगलवार को इसकी तैनाती की जानकारी दी। अमेरिका इस समय कोरियाई प्रायद्वीप में तनाव कम करने और अपने सहयोगी देश दक्षिण कोरिया की सुरक्षा के लिए कदम उठाने की संयुक्त रणनीति पर काम कर रहा है। अमेरिकी अधिकारियों ने सोमवार को ही यूएसएस जॉन मैक्कैन नामक युद्धपोत तैनात करने की घोषणा की थी। इसके बाद मंगलवार को दूसरे युद्धपोत यूएसएस डिकैटर को भी तैनात करने की घोषणा की गई।
नॉर्थ कोरिया के स्टेट ऑफ वॉर घोषित किए जाने और बुधवार को साउथ कोरिया के तकरीबन सवा सौ कामगारों को बॉर्डर पर रोके जाने के बाद अमेरिका ने एक बार फिर से उस पर आंखें लाल की हैं। पेंटागन ने कहा है कि हमारे पास नॉर्थ कोरिया को ठीक करने के इंतजाम हैं, पर हम आशा करते हैं कि भविष्य में हमें ऐसा कोई इंतजाम नहीं करना पड़ेगा।
पेंटागन के प्रेस प्रवक्ता जॉर्ज लिटिल ने बुधवार को कहा कि हमारे पास अपने साउथ कोरिया साथी के साथ मिलकर नॉर्थ कोरिया को जवाब देने के लिए पूरे इंतजाम हैं। पर हम नहीं चाहते कि ऐसा कोई इंतजाम करने पर हमें मजबूर होना पड़े। हमने जो प्लान बनाया है, उसे साउथ कोरिया और हमारे रक्षा विभाग के चीफ संयुक्त रूप से लागू करेंगे। इससे पहले नॉर्थ कोरिया ने अमेरिका को धमकी दी थी कि उसके हवाई और गुआम के सैन्य अड्डे निशाना बनाए जा सकते हैं। इतना ही नहीं, नॉर्थ कोरिया ने परमाणु हमले की भी धमकी दी।
उत्तर और दक्षिण कोरिया तो आमने-सामने हैं ही, अमेरिका ने भी अपनी ओर से पूरी तैयारी कर ली है और चीन ने भी अपनी सेना को अलर्ट कर दिया है। अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी ने कहा है कि अमेरिका को यह बर्दाश्त नहीं होगा कि उत्तर कोरिया 'परमाणु राष्ट्र' बने। वहीं यूएन प्रमुख बान की मून ने इस विवाद को निपटाने के लिए बातचीत की अपील की है। उन्होंने कहा कि परमाणु युद्ध कोई खेल नहीं है। इससे अस्थिरता और डर फैल सकता है।