नई दिल्ली। भारतीय राजनीति में इसे काला अध्याय के रूप में ही याद किया जाएगा कि 10 साल तक देश के पीएम रहने वाले और ईमानदार छवि के डा. मनमोहन सिंह का नाम कोयला घोटाले में बतौर आरोपी सामने आया। यह तो जांच के बाद ही पता चलेगा कि आरोपों में कितनी सत्यता है या यह सब डर्टी पॉलिटिक्स का नतीजा है।
यहां यह बात गौरतलब है कि जिनकी वजह से
पूर्व पीएम का नाम घसीटा गया है यानि कांग्रेस पार्टी ने उनका साथ नहीं
छोड़ा है। वरना आम तौर पर ऐसे समय में संगठन और नेता सब साथ छोड़ देते हैं।
पार्टी मुखिया सोनिया गांधी की साथ से डा. सिंह का जरूर ही राहत मिली
होगी। कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाले में मनमोहन सिंह का नाम आने के बाद
कांग्रेस ने आक्रामक रणनीति अपनाने का फैसला किया है। इसी रणनीति पर काम
करते हुए कांग्रेस ने सोनिया गांधी की अगुवाई में मनमोहन के समर्थन में
उनके घर तक मार्च भी निकाला। मार्च कांग्रेस दफ्तर से शुरू हुआ और मनमोहन
के घर पहुंचा। घर पर खुद मनमोहन ने सोनिया और बाकी नेताओं की अगवानी की।
यहां सोनिया ने कहा कि कांग्रेस मजबूती के साथ मनमोहन के साथ खड़ी है।
मनमोहन ने पारदर्शी तरीके से काम किया है। वह दुनिया में बेहद सम्मानित
व्यक्ति हैं। इसे लेकर आज कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक भी बुलाई गई
है। हालांकि इस बैठक में मनमोहन सिंह शामिल नहीं होंगे। बैठक कांग्रेस के
दफ्तर में होगी। बैठक में वर्किंग कमेटी के सदस्य और सभी सांसद शामिल
होंगे।
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