सपा नेता रामगोपाल यादव ने मायावती की ओर बढ़ाया दोस्ती का हाथ
लखनऊ। सियासत का एक पुराना जुमला है,
दुश्मन का दुश्मन दोस्त होता है। इसका उदाहरण बिहार की राजनीति में सबसे
पहले देखने को मिल चुका है। नरेंद्र मोदी और भाजपा को टक्कर देने के लिए
लालू यादव व नीतीश कुमार लगभग दो दशक से ज्यादा समय की दुश्मनी को भुलाकर
साथ आ गए। अब उत्तर प्रदेश में भी कुछ इसी तरह के आसार बनते नजर आ रहे हैं।
आने वाले समय में उत्तर प्रदेश भी एक दूसरे के कट्टर विरोधी समझे जाने
वाली पार्टी सपा और बसपा भी साथ-साथ आ सकती हैं। दरअसल समाजवादी पार्टी
नेता रामगोपाल यादव ने बसपा की ओर दोस्ती का हाथ बढ़ाया है। इससे पहले
पार्टी मुखिया मुलायम सिंह यादव भी कह चुके हैं कि मायावती भी उनके साथ आना
चाहें तो उन्हें कोई ऐतराज नहीं है। इस तरह के आ रहे बयानों से साफ जाहिर
हो रहा है कि समाजवादी पार्टी तो दोस्ती का हाथ बढ़ा चुकी हैं लेकिन बसपा
की ओर से इशारा मिलना बाकी है। एक अंग्रेजी अखबार से राम गोपाल यादव ने
कहा कि अगर दोनों पार्टियां साथ आती हैं तो बीजेपी हवा हो जाएगी। आपको बता
दें कि 1993 के दोनों पार्टियां साथ मिलकर चुनाव लड़ी थीं। इसके बाद
गठबंधन की सरकार भी बनी, हालांकि कुछ दिनों बाद मायावती ने समर्थन वापस ले
लिया।
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