जब मुझसे कोई कहता है कि एक सशक्तऔरत की इमेज से मैंने इतिहास रचा है, तो अच्छा लगता है पर उससे अधिक फख्र यह सोचकर होता है कि अपने मजबूत फैसलों के दम पर मैंने यह पहचान बनाई है।
जब मुझसे कोई कहता है कि एक सशक्तऔरत की इमेज से मैंने इतिहास रचा है, तो अच्छा लगता है पर उससे अधिक फख्र यह सोचकर होता है कि अपने मजबूत फैसलों के दम पर मैंने यह पहचान बनाई है। हर उस लम्हे यह एहसास होता है, जब मैं किसी सहारे के बिना कुछ कर जाती हूं। मुझे लगता है हर औरत की ताकत यही होनी चाहिए कि वह बिना किसी के बारे में सोचे, अपने फैसले खुद ले।
मुझे लगता है हमारे यहां की संस्कृति कुछ ऎसी बन गई है जिसके दबाव में आकर औरत खुद को परख नहीं पाई है। हमेशा से औरतों को ही जिम्मेदारी का एहसास कराया जाता है। मुझे टै्रवलिंग का क्रेज है इसलिए अक्सर अलग-अलग देशों में घूमती रहती हूं। सफर के दौरान कई महिलाओं से मिलती हूं, मैंने देखा है कि यह समस्या सिर्फ हमारी नहीं, बल्कि पूरी दुनिया की है।
एक बात जो मुझे अक्सर खलती है वह है लडकियों की शादी को लेकर उन पर छींटाकशी करना। कोई लडकी शादी कब करे यह उसका व्यक्तिगत मामला है, पर हमारे यहां बिन ब्याही लडकियों को अपराधी के तौर पर देखा जाता है। अभी हाल ही आयरलैंड में एक नियम पास हुआ है। इसके तहत कोई कुंआरी लडकी किराए पर मकान नहीं ले सकती। अब जरा सोचिए ऎसे हालात में कोई लडकी अपने पैरों पर खडी होने के लिए घर से दूर कैसे रहेगी। हमारे यहां ऎसे कानून नहीं हंै, पर सामाजिक बंधन इतने सख्त हैं कि वह चाहे तो भी उन्हें तोड नहीं सकती। जो औरतें आर्थिक रूप से आजाद हैं, वे कुछ हद तक कामयाब हुई हैं, पर छोटे कस्बों में रहने वाली महिलाओं के लिए यह आज भी मुश्किल है ।
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